WhatsApp पर तीन रेड टिक? नहीं, सरकार आपके मैसेज, कॉल रिकॉर्ड नहीं कर रही है
नए आईटी नियमों को 26 मई से प्रभाव में आना था, जिसकी घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी. लेकिन सोशल मीडिया कंपनियों ने इसे लागू नहीं किया गया है.सोशल मीडिया पर तरह-तरह के फर्जी दावेंसोशल मीडिया कंपनियों पर नए आईटी नियमों को लेकर फेसबुक, व्हाट्सएप और ट्विटर पर तरह-तरह के फर्जी मैसेज वायरल हो रहे हैं. एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि नए आईटी नियम लागू होने के बाद आपके सभी व्हाट्सएप कॉल रिकॉर्ड होंगे और आपकी सभी तरह की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी. यहीं नहीं ये भी दावा किया जा रहा है कि फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी ने एक नया टिक सिस्टम लागू किया है. दो ब्लू टिक और एक रेड टिक का मतलब होगा कि सरकार कार्रवाई कर सकती है, जबकि तीन रेड टिक का मतलब होगा कि सरकार ने अदालती कार्रवाई शुरू कर दी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, ये सभी दावे फर्जी है. नए आईटी नियमों में ऐसा कुछ नहीं है.तीन रेड टिक का इसी तरह का मैसेज पिछले साल भी वायरल हुआ था. तब भी इसे खारिज कर दिया गया था. वायरल फॉवर्डिड मैसेज कहता है कि नए नियम लागू होने के बाद, सभी कॉल रिकॉर्ड किए जाएंगे और सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी निगरानी की जाएगी. इसमें यहां तक कहा जा रहा है कि यदि कोई यूजर्स सरकार के खिलाफ या किसी धार्मिक मुद्दे पर नकारात्मक संदेश शेयर करता है, तो उसको गिरफ्तार कर लिया जाएगा. ये सभी दावें गलत हैं.जान लीजिए क्या है नई आईटी गाइडलाइंसनए आईटी नियमों को 26 मई से प्रभाव में आना था, जिसकी घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी. लेकिन सोशल मीडिया कंपनियों ने इसे लागू नहीं किया गया है. नई गाइडलाइंस के अनुसार, सभी सोशल मीडिया कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर किसी पोस्ट के लिए शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. इसके तहत कंपनियों को तीन अधिकारियों (चीफ कॉम्प्लियांस ऑफिसर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर) को नियुक्त करना है. ये अधिकारी भारत के ही रहने वाले होने चाहिए. इनका कॉन्टेक्ट नंबर सोशल मीडिया वेबसाइन और ऐप पर होना अनिवार्य है. ताकि लोग शिकायत कर सकें. यही नहीं, इन अधिकारियों के लिए शिकायत का अपडेट देने के लिए 15 दिनों समयसीमा भी तय की गई है. साथ ही इस पूरे सिस्टम पर नजर रखने के लिए स्टाफ रखने को कहा गया है.इसके अलावा अगर कोई गलत/फेक पोस्ट वायरल हो रही है तो सरकार कंपनी से उसके ऑरिजनेटर के बारे में पूछ सकती है. यानी कि सरकार पूछ सकती है कि वह पोस्ट सबसे पहले किसने शेयर किया. सरकार और कंपनियों के बीच इसी नियम को लेकर विवाद है. व्हाट्सएप का कहना है कि यह नियम एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को तोड़ देगा और लोगों के निजता के अधिकार को कमजोर करेगा.
End-to-End Encryption क्या होता है, व्हाट्सऐप पर चैट सुरक्षित है या नहीं, कैसे वेरिफाई करें
Whatsapp Privacy Policyभारत सहित दुनिया के तमाम देशों में इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सऐप के करोड़ों यूजर हैं. फेसबुक की इस सब्सिडरी कंपनी का नाम दुनिया-जहां में लोगों के जुबान पर है. दुनिया के हर कोने में हर दिन अरबों-करोड़ों मैसेज होते होंगे. ऐसे में सवाल है कि व्हाट्सऐप इन सभी मैसेज को सुरक्षित कैसे रखता है. कोई ये भी सवाल पूछ सकता है कि क्या व्हाट्सऐप हमारे-आपके मैसेज पढ़ता है?कंपनी की तरफ से इसका जवाब ना में दिया जाता है. व्हाट्सऐप कहता है कि वह किसी का मैसेज नहीं पढ़ता क्योंकि लोगों के मैसेज इनक्रिप्टेड होते हैं. एंड-टू-एंड यूजर (भेजने वाले और पाने वाले) को ही देखने-सुनने में आते हैं. तब सवाल यह भी उठता है कि यह एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन क्या है जिसका दावा व्हाट्सऐप ठोकता है.एंड-टू-एंड इनक्रिप्शनएंड-टू-एंड इनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी मैसेज को सुरक्षित तरीके से सेंड और रिसिव करने का जरिया है. व्हाट्सऐप में यह टेक्नोलॉजी शुरू से नहीं है, लेकिन अभी हाल में इसे जोड़ा गया है. मैसेज की सुरक्षा की भारी मांग के बीच व्हाट्सऐप ने इसे उतारा है. एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के मौत मामले में मैसेज लीक होने का सिलसिला सामने आया था. उस वक्त कई एक्टर के मैसेज और चैट लीक हुए थे. तब व्हाट्सऐप की इस टेक्नोलॉजी पर सवाल उठाए गए थे. एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन पर तब भी सवाल उठे थे जब इस साल जनवरी ने व्हाट्सऐप ने नई प्राइवेसी पॉलिसी लाने का ऐलान किया था.क्या कहता है व्हाट्सऐपइस पर व्हाट्सऐप का जवाब था कि वह किसी दूसरे की मैसेज न पढ़ता है और न ही देखता है. लोगों के मैसेज बिल्कुल सुरक्षित होते हैं. किसी तीसरे आदमी तक मैसेज की पहुंच नहीं होती. प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर भारी विवाद हुआ है और भारत सरकार ने इसे हटाने की चेतावनी दी है. इस पर व्हाट्सऐप ने भारत सरकार पर आरोप लगाया है कि व्हाट्सऐप के चैट ट्रेस करने को कहा जा रहा है जो कि एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन पॉलिसी के खिलाफ है. अगर यह नियम टूटता है तो लोगों का निजता का अधिकार खत्म होगा.भारत सरकार ने व्हाट्सऐप से कहा है कि किसी भी मैसेज के फर्स्ट ओरिजिनेटर की पहचान करना जरूरी है. उधर व्हाट्सऐप कहता है कि उसका काम यह नहीं है. मैसेज भेजना और पाना केवल सेंडर और रिसिवर का काम है. इसमें व्हाट्सऐप का कोई लेना-देना नहीं है. भारत सरकार ने कहा है कि व्हाट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी वापस ले, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी.इस तकनीक के बारे में जानिएइसका सीधा मतलब वैसी टेक्नोलॉजी से है जो हमारे मैसेज, चैट, फोटो, वीडियो, वॉइस, डॉक्युमेंट, स्टेटस अपडेट और कॉल को गलत हाथों में जाने से बचाती हो. एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी हमें वह सुविधा देती है कि जब हम किसी दूसरे व्यक्ति को मैसेज करते हैं, फोडो भेजते हैं, कॉल करते हैं, वीडियो भेजते हैं या डॉक्युमेंट भेजते हैं तो वह सिर्फ उसी व्यक्ति को प्राप्त हो, न कि किसी तीसरे के हाथ में चला जाए. अर्थात इस कड़ी में सेंडर और रिसिवर रहें, तीसरा कोई पक्ष नहीं. यहां तक कि व्हाट्सऐप का कोई कर्मचारी भी उसे देख, सुन या पढ़ न सके.लॉक होता है आपका मैसेजएंड-टू-एंड इनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी मैसेज को लॉक करने की सुविधा देती है. इसे ऐसे समझें कि आपने जो मैसेज किसी दूसरे व्यक्ति को भेजा, वह पूरी तरह से लॉक होकर जाता है. इस लॉक को खोलने का तकनीकी अधिकार सिर्फ मैसेज भेजने वाले और मैसेज पाने वाले के पास होता है. इसे ‘इनक्रिप्सन की’ (चाबी) कहते हैं. यह की सेंडर और रिसिवर के हाथ में होता है.व्हाट्सऐप के मुताबिक, लोगों को मैसेज को किसी सर्वर में भी स्टोर नहीं किया जाता. अगर स्टोर किया जाए तो इनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी के मायने नहीं रह जाएंगे. यहां एक बात ध्यान रखनी होगी कि व्हाट्सऐप ने ऐप में इन टेक्नोलॉजी को ऑटो-इनेबल किया है. यानी कि जब मैसेज आएगा तो रिसिवर उसे देख या पढ़ सकता है. भेजने और पाने वाले बीच यह मैसेज पूरी तरह लॉक होता है. अर्थात सर्वर में न तो स्टोर होता है और न ही उसके इनक्रिप्शन की को खोला जा सकता है.चैट एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड है या नहीं, कैसे वेरिफाई करेंचैट खोलें‘कॉन्टैक्ट डीटेल्स’ स्क्रीन खोलने के लिए कॉन्टैक्ट के नाम पर टैप करेंQR कोड और 60 अंकों का नंबर देखने के लिए एनक्रिप्शन पर टैप करेंध्यान दें, इस फीचर का इस्तेमाल सिर्फ वही कॉन्टैक्ट लिस्ट के लोग कर सकते हैं, जिनकी चैट एंड टू एंड एनक्रिप्टेड हैअगर आप और आपका कॉन्टैक्ट एक-दूसरे के पास बैठे हैं, तो आप में से कोई भी एक-दूसरे का QR कोड स्कैन कर सकता है या 60 अंकों का नंबर खुद मिलाकर देख सकता है. अगर आप QR कोड को स्कैन करते हैं और वह कोड मेल खा रहा है, तो आपको हरा चेक मार्क दिखाई देगा. हरा चेकमार्क दिखाई देने का मतलब है कि कोई भी आपके मैसेज या कॉल को नहीं पढ पा रहा है।1431