पत्नी का मात्र दूसरे आदमी के साथ घूमना क्या तलाक का आधार हो सकता है ?
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि पत्नी द्वारा अपने पति के अलावा किसी अन्य पुरुष के साथ मिलना या घूमना व्यभिचार की श्रेणी में नहीं आता है।
न्यायमूर्ति विवेक रूस और न्यायमूर्ति अमर नाथ की खंडपीठ ने व्यभिचार और क्रूरता के आधार पर पति द्वारा दायर हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 (1) (1) (1) ए के तहत दायर एक आवेदन को खारिज करते हुए फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए ये टिप्पणियां कीं।इस मामले में पति ने पत्नी के खिलाफ क्रूरता और व्यभिचार के आधार पर तलाक की याचिका दायर की थी। पति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी किसी अन्य व्यक्ति के साथ रह रही थी और उसने उसकी मां के साथ मारपीट की थी, जिसके लिए उसके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।पति ने आगे आरोप लगाया कि उसने अपनी पत्नी को दूसरे आदमी के घर जाते देखा। तीन अन्य गवाहों से भी पूछताछ की गई जिन्होंने दावा किया कि उन्होंने महिला को किसी अन्य व्यक्ति के साथ देखा था। पति ने आगे कहा कि उसकी पत्नी को भरण-पोषण से वंचित कर दिया गया क्योंकि अदालत ने उसके चरित्र पर संदेह किया था।पत्नी ने आरोपों से इनकार किया और प्रस्तुत किया कि पति ने उसे छोड़ दिया क्योंकि वह दूसरी शादी करना चाहता था।प्रस्तुतियाँ सुनने के बाद, उच्च न्यायालय ने कहा कि पत्नी का घूमना या किसी अन्य पुरुष से मिलना व्यभिचार नहीं है।अदालत ने पत्नी के चरित्र के संबंध में निचली अदालत के निष्कर्ष पर विचार करने से भी इनकार कर दिया।पत्नी के खिलाफ क्रूरता और आपराधिक मामला दर्ज करने के आरोपों के संबंध में, अदालत ने कहा कि पत्नी को अपराधी परिवीक्षा अधिनियम का लाभ दिया गया था और इसलिए यह पत्नी के खिलाफ क्रूरता का गठन नहीं करता है।तदनुसार, अदालत ने पारिवारिक अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और तत्काल अपील को खारिज कर दिया।शीर्षक: वीरम बनाम शैतान बाई2004 का केस नंबर एफए नंबर 355Dr. Ajay Kummar Pandey
( LLM, MBA, (UK), PhD, AIMA, AFAI, PHD Chamber, ICTC, PCI, FCC, DFC, PPL, MNP, BNI, ICJ (UK), WP, (UK), MLE, Harvard Square, London, CT, Blair Singer Institute, (USA), Dip. in International Crime, Leiden University, the Netherlands )Advocate & Consultant, Supreme Court of India & High Courts4C Supreme Law International, Delhi, NCR. Mumbai & DubaiTel: M- 91- 9818320572. Email: editor.kumar@gmail.comWebsite: www.ajaykr.com, www.4Csupremelawint.com
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